Wednesday, 9 May 2018

इश्क


मेरी गलियोंसे जब भी गुजरो
रफ़्तार जरा तुम धीमे रखना ...
क्या पता, ठहरा हुआ वो लम्हा
तुम्हे फिरसे मेरी ओर ले चले .....

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अप्रतिम, सुंदर, छान