धुंदी कळ्यांना अन धुंदी फुलांना! शब्दरूप आले मुक्या भावनांना!
Wednesday, 9 May 2018
इश्क
मेरी गलियोंसे जब भी गुजरो
रफ़्तार जरा तुम धीमे रखना ...
क्या पता, ठहरा हुआ वो लम्हा
तुम्हे फिरसे मेरी ओर ले चले .....
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